सोमवार, 2 जुलाई 2018

सहज योग की शुरुआत कर रहे हैं तो ध्यान रखें ये 5 बातें



सहज योग
सहज योग की आरंभ निर्मला श्रीवास्तव जी ने की, उन्‍हें श्री माता जी निर्मला देवी” के नाम से भी पुकारा जाता हैं। इस योगा में कुंडलिनी जागरण और निर्विचार समाधि तथा मानसिक शांति से लोगों को आत्मबोध का ज्ञान होता है| और अपने आप को पहचानने में मदद मिलती है। श्रीमाता जी निर्मला देवी द्वारा बनाये गए इस योग को शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ के रूप में बेहद फायदेमंद माना जाता है।
सहज योग क्‍या है
सहज योग में आप आसान मुद्रा में जमीन पर बैठकर मेडिटेशन (ध्यान) किया जाता है। इसका योग अभ्यास करने वाले लोगों को मेडिटेशन के दौरान सिर से लगाकर हाथों तक एक ठंडी हवा का एहसास होता है। यह योगा केवल एक प्रकार की क्रिया का नहीं हैं, बल्कि यह एक विशिष्ट तकनीक भी है। यह एक प्रकार से आत्मबोध का प्रचार है जिससे शरीर कुंडलिनी जागृत होकर, व्यक्ति के व्यक्तित्व में काफी निखार लाती है।
क्‍या कहते हैं शोध
भारत में कई प्रकार के मनोचिकित्सकों द्वारा सहज पर किए गए शोध में पाया गया है कि सामान्य लोगों से बेहतर स्थिति उन लोगों की थी (मानसिक और शारीरिक सेहत) जिन्होंने कम से कम 2 वर्षों तक सहज योग को किया था
सहज शब्द की उत्पति
सहज शब्द मुख्यतः संस्कृत के 2 शब्दों को जोड़ कर बनाया गया है|, सह और जा। सह का अर्थ है सा और जा का अर्थ है जन्म। जब यह दोनों प्रकार के शब्द मिल जाते हैं तो इसको अर्थ, प्रकृति के और भी करीब हो जाता है। इस सहज योग से जुड़े के अनुयाईयों का मत है कि इससे उनकी कुंडलिनी का जन्म होता है तथा वे उन्हें स्वत: ही जागृत कर सकते हैं।
सामान्य स्वास्थ्य के लिए
कई चिकित्सकों ने सहज योग के अन्य प्रकार के प्रभावों के बारे में भी बहुत कुछ बताया है। उनके मुताबिक योग को करने शारीरिक व मानसिक तनाव से मुक्ति तथा शरीर को आराम मिलता है। साथ ही, शरीर में होने वाली विभिन्न प्रकार की बीमारियों को खत्म किया जा सकता है। 
बीमारियों में लाभकारी
शोधकर्ताओं के अनुसार मौन रहने की यह प्रक्रिया मानसिक और कायिक स्वास्थ्य के कई प्रकार रास्ते खोलती है। सहज योग के रोज अभ्यास करने से हाइपर टेंशन, कैंसर, ब्लड प्रेशर, और हृदय रोगियों को भी बहुत फ़ायदा हुआ है।
विद्यार्थियों के लिए फायदेमंद
खासकर तोर पर विद्यार्थियों के लिए तो यह योग एक अमृत के समान ही है। जो विद्यार्थी, इस योग को अपने जीवनकाल में नियमित रूप से करते हैं वे न केवल पढ़ाई में माहिर होते हैं, साथ ही अन्य प्रकार की गतिविधियों में भी उनका किसी से मुकाबला नहीं रहता।
तनाव से मुक्ति
सहज योग से दिमाग की शक्ति बढती है। इस योग को करने से व्यक्ति को तनाव, दिन-भर की थकान, अनिंद्रा व अपने गुस्से को सयमीत करना आसान होता है। जिससे नींद भी काफी अच्छी आती है। 
एकाग्रता
सहज योग करने वाले लोगो में एकाग्रता बढ़ती है और वो जीवन में जो हासिल करना चाहते है वह आसानी से कर सकते हैं। इसलिए, अपनी दिनचर्या में इस योग को भी शमिल करें।
संचार कौशल
सहज योग के रोज अभ्यास से हमारे संचार कौशल में भी सुधार होता है जिससे आप दुसरे लोगों से अच्छी तरह मिलते है और पेश आते हैं। साथ ही दूसरों लोगो से बेहतर रिश्ते बनाने में मदद मिलती है।
बुरी आदतों व लत से छुटकारा
कई प्रकार की बुरी आदत व लत जैसे धूम्रपान, मंदिरा, मांस आदि का सेवन शारीरिक और मानसिक शारीरिक सेहत के लिए बहुत नुकसानदेह होता है। इन बुरी आदतों से पीछा छुड़ाने के लिए सहज योग ज्यादा कारगर साबित होती हैं।

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