आजकल की फैशनेबल जीवनशैली
के कारण बच्चो से लगाकर बूडो तक सभी लोगों को बीमारियां हो रही हैं। एसिडिटी, हाई ब्लड
प्रेशर, अनिद्रा और कब्ज इनमें प्रमुख हैं।
इन बीमारियों से निजात पाने के लिए लोग कई
तरह की दवाइयां खाते हे, और इलाज करवाते हैं मगर किसी भी प्रकार की राहत नहीं मिलती
है। चूंकि ये सभी बीमारियां हमारी लाइफस्टाइल से जुड़ी हुई हैं इसलिए लाइफस्टाइल में
बदलाव करके इन बीमारियों से छुटकारा पाया जा सकता है। अगर आप प्रतिदिन 10 मिनट योगासन
और नित्य प्रणायाम को दें, तो इन बीमारियों से बहुत
ही आसानी से छुटकारा मिल सकता है।
चंद्रभेदी प्रणायाम के फायदे
चंद्रभेदी प्रणायाम, यह एक बहुत ही लाभदायक प्राणायाम है|
यह हाई ब्लड प्रेशर (उच्च रक्तचाप) के रोगियों के लिए बहुत लाभदायक है। इसको करने
से ब्लड प्रेशर सामान्य रहता है। लेकिन लो ब्लड प्रेशर (निम्न रक्तचाप) से पीड़ित रोगियों
को इस योगासन का कभी भी अभ्यास नहीं करना चाहिए।
·
चंद्रभेदी प्रणायाम करने से पूरे शरीर का रक्त प्रवाह (ब्लड
सर्कुलेशन) अच्छा रहता है इसलिए दिल से संबधित की बीमारियों में भी इससे बहुत अधिक
लाभ मिलता है और इसे रोज करने से दिल से संबधित बीमारियों का होने का खतरा कम होता
है।
- यह प्रणायाम पेट की कई तरह की समस्याओं में भी लाभप्रद है क्योंकि इसको करने से आपकी पाचन क्रिया बहुत ही ठीक रहती है और पेट की गर्माहट भी शांत होती है।
- गर्मी के समय में चंद्रभेदी प्रणायाम करने से शरीर को बहुत ठंडक मिलती है और दिमाग भी स्थिर रहता है।
- प्रणायाम आंखों के लिए भी फायदेमंद है इसलिए, अगर आपकी आंखों में किसी भी प्रकार दर्द रहता है या आपको थोडा-थोडा धुंधला दिखता है, तो इस प्रणायाम निरंतर अभ्यास से आपको लाभ मिलती है।
- मुंह में छाले की समस्या से भी बचा जा सकता है इस प्राणायाम को करने से |
- सीने में जलन, पेट की खट्टी डकार आदि में भी ये यह योगासन फायदेमंद है।
- चंद्रभेदी प्रणायाम के निरंतर अभ्यास से आपको नींद बहुत ही अच्छी आती है और अनिद्रा, तनाव की समस्या भी दूर होती है। इसके अलावा चिड़चिड़ापन भी कम हो जाता है।
कैसे करें चंद्रभेदी प्रणायाम
इसको करने के लिए सुखासन में
बैठ जाये, फिर दायें हाथ के अंगूठे से दायीं नासा छिद्र को बंद करें और बायीं नासा
छिद्र से सांस अन्दर लें और दायीं नासा छिद्र से बाहर की ओर निकालें। इसको करते
समय आंखें बंद रखें और अपना सारा ध्यान अन्दर-बहार होने वाली सांसों पर होना चाहिए।
इसको करने से मन में शांति मिलती है| ध्यान रहे सांसों की निरंतर गति के प्रति एकाग्रता
बहुत अधिक ज़रूरी है। तभी आपको पूरी तरीके से लाभ मिलेगा। शुरुआत में आप इसे 4 से 5
बार कर सकते हैं, बाद में धीरे-धीरे अभ्यास
हे साथ साथ इसकी आवृत्ति बढ़ाते जाएं। इससे उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) को बहुत
ही आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है तथा यह क्रिया हृदय से संबधित रोग से भी बचाव
करती है।
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किन्हे नहीं करना चाहिए चंद्रभेदी
प्रणायाम
- जिन लोगों को सांस से संबधित बीमारियां हे जैसे दमा या अस्थमा, उन्हें यह प्रणायाम का अभ्यास कभी भी नहीं करना चाहिए।
- यह प्राणायाम फेफड़ों के रोगियों और कफ के रोगियों को नहीं करना चाहिए।
- लो ब्लड प्रेशर (निम्न रक्तचाप) के मरीजों को इस प्रणायाम करने से खतरा है इसलिए वे इसे कभी भी न करें।
- इस प्रणायाम का अभ्यास सर्दी के मौसम में न करें, क्योंकि ये शरीर की गर्मी को कम करता है।
हाई ब्लड प्रेशर में योग
अधिकतर लोगो के मन में यह
भ्रम है कि हाई ब्लड प्रेशर (उच्च रक्तचाप) के मरीज़ों को योगाभ्यास नहीं कभी भी करना
चाहिए। ऐसे लोगों के लिए यह चंद्रभेदी प्राणायाम बहुत लाभदायक साबित होता है। इसके
निरंतर अभ्यास से उच्चा रक्तचाप को आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है।
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