मंगलवार, 2 अक्टूबर 2018

पितृपक्ष / पितृदोष से मुक्ति के लिए पितृपक्ष में करें तर्पण-श्राद्ध, घर में आएगी खुशहाली


रिलिजन डेस्क. पितृपक्ष शुरू हो चुका है जो 7 अक्टूबर तक रहेगा। इस दौरान पितरों को शांत करने के लिए तर्पण-श्राद्ध किया जाता है। ऐसा करने से पितृदोष यानी हमारे पूर्वजों का ठीक से श्राद्ध कर्म ना होने के कारण घर में आने वाली परेशानियों से भी मुक्ति मिलती है। पितृदोष है या नहीं ये किसी इंसान की कुंडली से भी पता किया जाता है। इसका सीधा तरीका है कि अगर कुंडली में सूर्य या चंद्रमा के साथ राहु-केतु में से कोई एक ग्रह बैठा हो तो इसे पितृदोष कहा जाता है। ज्योतिष में सूर्य को पिता कहा गया है, चंद्रमा को माता। अगर इन दोनों ग्रहों में से किसी एक के साथ राहु या केतु हों तो ये ग्रह दूषित हो जाते हैं। इसे ही पितृदोष कहा जाता है। अगर पितृदोष हो तो कई समस्याएं आती हैं।
ये होता है पितृदोष का प्रभाव

जिस घर में किसी सदस्य को पितृदोष होता है उस घर में अक्सर कोई ना कोई बीमार रहता है।
  •         पितृदोष के कारण घर के बच्चों में हमेशा कलह होता है।
  •         जहां पितृदोष होता है वहां संतान पैदा होने में विलंब होता है।
  •         बिजनेस में लाभ नहीं होता, उधारी बहुत ज्यादा होती है।
  •         इंसान के पैसे उधारी में डूब जाते हैं या बेकार कामों में खर्च हो जाते हैं।
पितृ दोष के लिए उपाय

यदि कुंडली में प्रबल पितृ दोष हो तो पितरों का तर्पण अवश्य करना चाहिए। तर्पण मात्र से ही हमारे पितृ प्रसन्न होते हैं।

वे हमारे घरों में आते हैं और हमको आशीर्वाद प्रदान करते हैं। यदि कुंडली में पितृ दोष हो तो इन सोलह दिनों में तीन बार एक उपाय करिए। 

सोलह बताशे लीजिए। उन पर दही रखिए और पीपल के वृक्ष पर रख आइये। इससे पितृ दोष में राहत मिलेगी। यह उपाय पितृ पक्ष में तीन बार करना है।

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